बॉलीवुड अभिनेता और डायरेक्टर सतीश कौशिक का निधन हो गया है. उन्होंने 67 साल की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह दिया और इस खबर की पुष्टि उनके करीबी दोस्त और बॉलीवुड अभिनेता अनुपम खेर ने की है.उन्होंने एक ट्वीट किया और बताया कि अब सतीश कौशिक इस दुनिया में नहीं रहे. अभिनेता के निधन की खबर से पूरी इंडस्ट्री में शोक की लहर है. दिवंगत अभिनेता के फैंस भी सोशल मीडिया के जरिए उनके निधन पर दुख जाहिर कर रहे हैं और श्रद्धांजलि दे रहे हैं. हालांकि, सतीश कौशिक के फैंस का कहना है कि अभिनेता ने भले इस दुनिया को अलविदा कह दिया, लेकिन उनके निभाए किरदार और हिंदी सिनेमा में उनका योगदान हमेशा ही याद रखा जाएगा.गोविंदा के साथ मुत्तु स्वामी, पप्पू पेजर जैसे किरदार निभाने वाले सतीश कौशिक की फिल्मों में एंट्री भी कम फिल्मी नहीं है. अभिनेता ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उन्हें अखबारों में अपना नाम छपवाने का इतना जुनून था कि इसी सपने क पूरा करते-करते वह फिल्मों में आ पहुंचे और वह एक्टर बन गए. सतीश हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के रहने वाले हैं और जब भी उनकी स्कूल की छुट्टी होती थी वह कहीं और छुट्टियां मनाने की जगह अपने गांव जाते थे.
छुट्टियां मनाने अपने गांव जाते थे सतीश कौशिक

बॉलीवुड से एक दुखद खबर आई है, जाने-माने अभिनेता और निर्देशक सतीश कौशिक का गुरुवार तड़के निधन हो गया, उन्होंने 66 साल की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कहा, अभिनेता अनुपम खेर ने ट्वीट कर उनके निधन की जानकारी दी , सतीश अपने पिता से हमेशा कहते थे कि ‘मुझे अखबार में अपना नाम छपवाना है. मेरा नाम अखबार में जरूर आना चाहिए.’ और इसी सपने को पूरा करते-करते सतीश कौशिक अभिनेता बन गए. उन्होंने अपने फिल्मी करियर में कई यादगार रोल निभाए. जिनमें मुत्तू स्वामी, पप्पू पेजर, कुंज बिहारी, जर्मन और एयरपोर्ट जैसे किरदार दर्शकों के बीच खासे लोकप्रिय रहे. लेकिन, मिस्टर इंडिया में उनका निभाया ‘कैलेंडर’ का किरदार आज भी दर्शकों का फेवरेट है.
सतीश कौशिक की ‘मंडी’ में एंट्री कैसे हुई?

श्याम बेनेगल की ‘मंडी’ सतीश कौशिक की शुरुआती फिल्मों में से एक थी. एक्टर ने द कपिल शर्मा शो में इस किरदार के बारे में बात की और बताया कि उन्हें अपना पहला किरदार कैसे मिला था. उन्होंने इस बारे में बात करते हुए कहा था- ‘उस समय मुझे पता चला कि मुझे किडनी स्टोन है.’अनुपम खेर ने ट्वीट किया, जानता हूं ‘मृत्यु ही इस दुनिया का अंतिम सच है!’ पर ये बात मैं जीते जी कभी अपने जिगरी दोस्त सतीश कौशिक के बारे में लिखूंगा, ये मैंने सपने में भी नहीं सोचा था। 45 साल की दोस्ती पर ऐसे अचानक पूर्णविराम! ओम् शांति!