भारत में शिक्षा का रुतबा काफी ज्यादा और जबरदस्त तरीके से देखने को मिलता है भारत में कई तरीके के विद्यार्थी हैं, जो अपनी शिक्षा को लेकर काफी जबरदस्त रुतबा दिखाते हुए नजर आते हैं, आपको भारत की सरकारी विद्यालय की परिस्थितियां तो मालूम ही होगी और नहीं है, तो आज हम आपको इन परिस्थितियों से रूबरू भी करवा देंगे आज के जमाने में हर बच्चा सरकारी स्कूलों में ना पढ़कर प्राइवेट स्कूलों में अपना दाखिला करवाना चाहता है, क्योंकि सरकारी स्कूलों के लिए हर विद्यार्थी का एक ही बहाना होता है, कि इन स्कूलों में वह सब सुविधा नहीं दी जा रही है, जो प्राइवेट स्कूलों में दी जाती है, लेकिन आज हम आपको राजस्थान की एक ऐसी सरकारी विद्यालय से रूबरू करवाने वाले हैं जिसमें हर तरीके की सुविधा जबरदस्त तरीके से दी गई है, और इसका धारावाहिक भी इस तरीके से दिखाया गया है कि लोग इसे देखकर काफी ज्यादा हैरान रह जाते हैं, तो आइए आज हम आपको इस विद्यालय से परिचित करवाते हैं।
राजस्थान का यह सरकारी विद्यालय रेलवे स्टेशन की तरह आता है नजर
आज हम आपको राजस्थान के ऐसे सरकारी स्कूल से परिचित करवाने जा रहे हैं, जिसको देखकर आप काफी ज्यादा हैरान हो जाएंगे और धोखा भी खा जाएंगे यह स्कूल राजस्थान के बाड़मेर जिले के धनाऊ गांव में बना हुआ है, जहां के पांच कक्षाओं को बिल्कुल ट्रेन के रंग में उतार दिया गया है, यहां के दरवाजों पर अगर किसी भी विद्यार्थी को खड़ा कर दिया जाए तो यह स्कूल ट्रेन की तरह नजर आती है, और आपको बता दें इस स्कूल का नाम केंद्रीय उच्च माध्यमिक विद्यालय रामदेव जी का मंदिर है, इस स्कूल में करीबन 500 विद्यार्थियों की तादाद शिक्षा लेने के लिए सम्मिलित होती है, पहले इस स्कूल में किसी भी तरीके का कोई परिवर्तन नहीं था, लेकिन अभी हाल ही में इस स्कूल में इस तरीके का परिवर्तन किया गया कि यह स्कूल पूरे भारतवर्ष में मशहूर हो गए।
ट्रेन जैसा दिखता है यह सरकारी स्कूल
राजस्थान की सबसे जानी मानी और अनोखी सरकारी विद्यालय जिसे हर कोई पहली नजर में देखकर काफी ज्यादा हैरान और धोखा खा जाता है, क्योंकि इस स्कूल की बनावट ही इस तरीके से बनाई गई है कि यह ट्रेन के बाद ही नजर आती है, राजस्थान की स्कूल पूरे भारतवर्ष के लिए एक अनोखा सितारा बन चुकी है, इस स्कूल में हर तरीके की सुविधा जबरदस्त तरीके से दी गई है, इस स्कूल में हाई क्लास बाथरूम और कैंटीन की सुविधा भी जबरदस्त तरीके से दी गई है, इस स्कूल की हाई सुविधा के सामने भारत की बड़ी-बड़ी प्राइवेट स्कूल में भी परस्त हो जाती है।