नाना पाटेकर ने बचपन में देखा है ऐसा दौर, आज भी नहीं खाते मिठाई

बॉलीवुड इंडस्ट्री के जाने-माने अभिनेता नाना पाटेकर आज किसी भी पहचान के मोहताज नहीं है। नाना पाटेकर बॉलीवुड इंडस्ट्री में दमदार एक्ट्रेस में से एक और स्ट्रिक्ट और कड़क मिजाज के व्यक्ति माने जाते हैं। जिसकी वजह से लोग कई बार नाना पाटेकर के स्वभाव से डर जाते हैं, लेकिन आपको बता दें कि नाना पाटेकर की जिंदगी में कई ऐसे दौर गुजरे हैं जिनकी वजह से वह आज इतने स्ट्रिक्ट हो गए हैं, बचपन के जिस सख्त दौर से नाना पाटेकर गुजरे हैं, उसकी रगड़ किसी को भी ऐसा स्ट्रिक्ट बना सकती है। अपने बचपन की एक ऐसी याद आज भी नाना पाटेकर ने पाल रखी है कि जिसकी वजह से आज भी नाना पाटेकर मिठाई नहीं खाते हैं और वह आज भी मिठाई ना खाने के बारे में बेहद ज्यादा सख्त रहते है, आइए आपको इस आर्टिकल में उस घटना के बारे में बताते हैं।

13 साल की उम्र से ही नाना पाटेकर ने शुरू कर दी थी नौकरी

नाना पाटेकर ने बचपन में देखा है ऐसा दौर, आज भी नहीं खाते मिठाई

नाना पाटेकर का असली नाम विश्वनाथ पाटेकर हैं जिनके पिता का टेक्सटाइल पेंटिंग का एक छोटा सा बिजनेस था। इस बिजनेस में नाना पाटेकर के पिता के साथ एक पार्टनर और हुआ करता था। उस पाटनर या उनके पिता के करीबी दोस्त ने उन्हें धोखा दिया और उनकी प्रॉपर्टी समेत उनका सब कुछ उनसे छीन लिया। इस बात का असर नाना पाटेकर तक भी पहुंचा। जब नाना पाटेकर तक इसका असर पहुंचा तो वह भी 13 साल की उम्र में ही काम करने लगे सबसे पहले नाना पाटेकर ने पोस्टर पेंट करने का ही काम शुरू किया। जिसके लिए 8 किलोमीटर पैदल आते जाते थे, इसके बारे में बताते हुए नाना पाटेकर ने बताया कि इस काम को करने के बदले उन्होंने ₹35 महीने की तनखा मिलती थी। इसके बाद में नाना पाटेकर ने जेबरा क्रॉसिंग तक पेंट की।

वक्त ने नाना पाटेकर में भर दिया गुस्सा

नाना पाटेकर ने बचपन में देखा है ऐसा दौर, आज भी नहीं खाते मिठाई

जब नाना पाटेकर छोटे थे तो उनके पिता यह कहते हुए दुखी हो जाते थे। कि जब बच्चों के दिन खाने के आए हैं तो उनको खिलाने को मेरे पास कुछ भी नहीं है, वह हमेशा इस दुख में रहे और अंदर से इतना ज्यादा टूट गए कि उन्हें हार्ट अटैक आ गया। 28 साल की उम्र में जब नाना पाटेकर पहुंचे तो उनके पिता का निधन हो गया, उसके बाद में नाना पाटेकर ने काम करना चालू रखा जब वह बचपन में काम के लिए जाते थे तो उन्होंने जो अपमान झेले, लोगों ने उनके साथ जिस तरीके का बर्ताव किया। उस बर्ताव को सहन करते करते शायद नाना पाटेकर का स्वभाव ही गुस्से वाला हो गया था और इसी बर्ताव की वजह से शायद नाना पाटेकर ऐसे हो गए हैं। नाना पाटेकर ने बातचीत करते हुए बताया कि जब भी वह दौर याद आता है तो आंसू आ जाते हैं, क्योंकि उस समय मजबूरी की वजह से मैं अपने दोस्तों के घर शाम को लंच या डिनर के समय जाता था जिसकी वजह से वह मुझे खाने के लिए पूछ ले।

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