98 साल की उम्र में पंकज त्रिपाठी के पिता पंडित बनारस त्रिपाठी ने ली अंतिम सांस

फिल्म इंडस्ट्री के सबसे चर्चित और सबसे ज्यादा लोकप्रियता हासिल करने वाले कलाकार पंकज त्रिपाठी आज किसी भी अलग पहचान के मोहताज नहीं है, ना ही पंकज सिर्फ पार्टी को आज किसी अलग परिचय की आवश्यकता है, पंकज त्रिपाठी वैसे तो काफी सुर्खियों में रहते हैं लेकिन हाल फिलाल में पंकज त्रिपाठी लोगों के बीच अपने दुखों को प्रदर्शित करते हुए नजर आए हैं हाल ही में पंकज त्रिपाठी के ऊपर दुखों का बहुत बड़ा पहाड़ टूटा पड़ा है, और पंकज त्रिपाठी की हालत रो-रोकर काफी ज्यादा खराब भी हो गई है दरअसल, पंकज त्रिपाठी के पिता पंडित बनारस त्रिपाठी ने अभी हाल ही में 98 साल की उम्र में अंतिम सांस ली है और दुनिया को अलविदा कह दिया है, हाल ही में पंकज त्रिपाठी कि कहीं फोटोस और वीडियोस काफी वायरल हो रही है।

पिता को याद कर रो पड़े पंकज त्रिपाठी

पंकज त्रिपाठी जो कि फिल्म इंडस्ट्री के सबसे जाने-माने और सबसे चर्चित कलाकार है, अपने शानदार अभिनय की वजह से बेहद कम समय में लोगों के बीच पहचान बनाने वाले पंकज त्रिपाठी के पिता बनारस त्रिपाठी एक किसान थे और गांव में ही रहकर जीवन-यापन कर रहे थे, वे अपनी पत्नी हेम्वंती देवी के साथ गोपालगंज जिला के बेलसंड में रहते थे, यहीं उन्होंने अंतिम सांस ली, जब पिता ने अंतिम सांस ली तो ,उस समय पंकज त्रिपाठी शुटिंग में व्यस्त थे, हालांकि जैसे ही पिता की मौत की खबर मिली, शूटिंग छोड़कर पैतृक गांव के लिए रवाना हो गए, जैसे ही पंकज त्रिपाठी को यह खबर मिली कि उनके पिता अब इस दुनिया में नहीं रहे तो, पंकज त्रिपाठी फूट-फूट कर रोने लगे अपने पिता को याद कर पंकज त्रिपाठी की आंखों से लगातार आंसुओं की धारा बहती हुई दिखाई दे रही है।

पिता की कमी कोई पूरी नहीं कर सकता अक्षय कुमार

हाल ही में फिल्म इंडस्ट्री के जाने-माने कलाकार पंकज त्रिपाठी के पिता का निधन हो गया है, 98 साल की उम्र में पंकज त्रिपाठी के पिता पंडित बनारस त्रिपाठी ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया है, पंकज त्रिपाठी अपने पिता के लिए फूट-फूटकर रोते हुए नजर आए हैं इन्हीं सभी बातों को देखते हुए अभी हाल ही में पंकज त्रिपाठी के परम मित्र अक्षय कुमार जिन्होंने अभी हाल ही में एक फिल्म में काम किया है, दोनों की यह फिल्म लोगों के बीच काफी सुर्खियों में है लेकिन इन्हीं सभी के पीछे अक्षय कुमार ने पंकज त्रिपाठी को देखते हुए कहां है, कि पिता की कमी को कोई पूरा नहीं कर सकता मेरे दोस्त तुम्हें भगवान इस समय शक्ति दे, और तुम्हें पिता की इस कमी को पूरी करने की लालसा दें ओम शांति ओम।

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